Madhya Pradesh

भ्रष्टाचार की जांच करने वाले अफसर ही निकले भ्रष्ट CBI भोपाल के चार अधिकारी रिश्वत के मामले में गिरफ्तार

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भोपाल-पैसे की खनक के आगे सीबीआई के अफसर भी खुद को रोक नहीं पाए और रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हो गए बताते चलें की नर्सिंग कॉलेजों की जांच के मामले को समाप्त करने के लिए सीबीआई भोपाल के चार अधिकारियों को दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक विशेष टीम के द्वारा भोपाल में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया कार्यवाही फ़ोन पर बातचीत के आधार पर की गई है|

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कोर्ट ने भेजा पुलिस रिमांड पर 

इसमें रिश्वत लेने वाले नर्सिंग कॉलेज के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है गिरफ्तार किए गए सीबीआइ अधिकारियों में दो मध्य प्रदेश पुलिस और दो सीबीआइ संवर्ग उप निरीक्षक व निरीक्षक स्तर के अधिकारी हैं गिरफ्तारी के बाद इन्हें रविवार को भोपाल में सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया जहाँ से पूछ्ताछ के लिए सीबीआइ ने उन्हे पुलिस रिमांड पर भेज दिया है उनसे पूछ्ताछ की जाएगी कि अब तक उन्होंने कितने लोगों से रिश्वत ली है|

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उच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही है जांच

गौरतलब है कि यह जांच मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही है जिसने सीबीआई को राज्य के 364 नर्सिंग कॉलेजों की व्यापक जांच कराने का निर्देश दिया था अक्टूबर 2022 से सीबीआई भोपाल की टीम प्रदेश के अलग अलग जिलों में जाकर नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही थी यह घटनाक्रम जांच के लिए एक बेहतरीन और बड़ा झटका है इससे यह सवाल उठता है कि आखिर उन्होंने रिश्वत लेकर अब तक न जाने कितने तथ्य एवं सबूतों को छिपा दिया होगा बताते चलें कि प्रदेश में कई नर्सिंग कॉलेज बिना मापदंड के ही संचालित हो रहे थे लॉ स्टूडेंट यूनियन की याचिका पर हाइकोर्ट ने सीबीआइ को जांच का आदेश दिया थालेकिन अब सीबीआई के कुछ अफसर पर रिश्वत ले लेने लगे हैं|

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Cbi की छवि भी धूमिल 

सीबीआई एक बेहद अनुशासित और रहस्यमय तरीके से काम करने वाली एजेंसी है और इन भ्रष्ट अफसरों की इस रवैये के कारण सीबीआइ की भी छवि हो गयीके रिश्वत लेने के प्रकरण को सामने आने के बाद में लोग सीबीआई को भी उस नजर से नहीं देख रहे हैं जिससे कि यह निष्पक्ष कार्रवाई करते हो हो सकता है की इन्होंने कई मामलों को दबाने के लिए रिश्वत ली होऔर आज पकड़े गए लेकिन उन मामलों को दबा दिया गया जिस मामले में ये नहीं पकड़े गए थे|

डॉ. चिरंजीवी प्रताप सिंह चौहान

कंटेंट राइटिंग में 6 साल का अनुभव है अर्थशास्त्र, तकनीकी, ऑटोमोबाइल, इंश्योरेंस पॉलिसी के विषय में व्यापक स्तर पर पकड़ रखते हैं।

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