top national news headlines live now-कभी-कभी ज़िंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है, जहाँ इंसान की परीक्षा उसकी सोच से कहीं बड़ी होती है। राजस्थान के रहने वाले कमल कुमार राजोरिया के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। साल 2017 में जब वे पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के प्रतिष्ठित जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रिंसिपल बने, तो शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि चार साल बाद उनकी ज़िंदगी एक झूठे आरोप की वजह से पूरी तरह बदल जाएगी।
top national news headlines live now-बाल तस्करी का आरोप और गिरफ्तारी
साल 2021 में अचानक एक दिन स्कूल में हड़कंप मच गया। कमल कुमार राजोरिया पर बच्चों की तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगे। यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और पूरे राज्य में बवाल मच गया। पुलिस ने उन्हें मुख्य आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। समाज के लिए शिक्षा का मंदिर माने जाने वाले विद्यालय के प्रिंसिपल पर ऐसा आरोप लगना हर किसी के लिए चौंकाने वाला था। राजोरिया को न सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा, बल्कि अपनी आज़ादी भी खोनी पड़ी।
top national news headlines live now-सलाखों के पीछे बीते चार साल
गिरफ्तारी के बाद राजोरिया के लिए हर दिन एक नई चुनौती बन गया। बार-बार जमानत की याचिका दायर की गई, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। चार साल तक वे बांकुरा सुधार गृह में विचाराधीन कैदी के रूप में रहे। इस दौरान उनका परिवार, उनकी नौकरी और उनका सामाजिक सम्मान—सब कुछ दांव पर था। लेकिन इन कठिन हालात में भी राजोरिया ने हार नहीं मानी।
top national news headlines live now-जेल में भी सीखा, सिखाया और उम्मीद नहीं खोई
कमल कुमार राजोरिया के लिए जेल सिर्फ एक सज़ा का स्थान नहीं था, बल्कि एक नई सीख और अनुभव का केंद्र बन गया। उन्होंने जेल में रहते हुए बंगाली भाषा सीखी। रवींद्र संगीत और बाउल गीतों में रुचि ली। उनकी धाराप्रवाह बंगाली सुनकर जेल के अधिकारी और दूसरे कैदी भी हैरान रह गए। सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने जेल में भी पढ़ाई-लिखाई का काम जारी रखा। वे अन्य कैदियों को पढ़ाते रहे, उन्हें सकारात्मक सोच और उम्मीद की सीख देते रहे। उनका कहना है, “जेल में रहकर मैंने जाना कि शिक्षा और उम्मीद कभी साथ नहीं छोड़ती।”
top national news headlines live now-सम्मान के साथ रिटायर न हो पाने का दर्द
चार साल तक जेल में रहने के कारण कमल कुमार राजोरिया का रिटायरमेंट भी सम्मान के साथ नहीं हो सका। यह उनके लिए सबसे बड़ा दुख रहा कि वे अपने छात्रों और सहकर्मियों के बीच शिक्षक के तौर पर आखिरी दिन नहीं बिता सके। लेकिन रिहाई के बाद जब वे पुराने विद्यालय लौटे, तो वहां का दृश्य बेहद भावुक था। कर्मचारियों ने उन्हें गले लगाया, कुछ ने चरण स्पर्श किया। यह पल उनके लिए बहुत मायने रखता था—एक तरह से समाज ने उन्हें फिर से स्वीकार किया।
top national news headlines live now-कोर्ट का फैसला: न्याय की जीत
चार साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार कोर्ट ने कमल कुमार राजोरिया को बाइज्जत बरी कर दिया। सीआईडी उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी। अदालत ने माना कि वे निर्दोष हैं और उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे थे। उनके वकील तपस चौधरी ने कहा, “हमेशा से यकीन था कि सच की जीत होगी, और वही हुआ।” सरकारी वकील ने भी माना कि फैसले की प्रति का अध्ययन करने के बाद ही अगली कार्रवाई पर विचार करेंगे।
top national news headlines live now-न्यायपालिका और सुधार गृह के प्रति आभार
रिहाई के बाद कमल कुमार राजोरिया ने कहा, “मुझे न्याय मिल गया, भले ही देर से। मैंने कभी न्यायपालिका से भरोसा नहीं खोया। मैं अब फिर से पढ़ाने के काम में लगूंगा और बच्चों को बेहतर इंसान बनाने की कोशिश करूंगा।” उन्होंने सुधार गृह के अधिकारियों का भी आभार जताया, जिन्होंने कठिन समय में भी उन्हें इंसानियत और सम्मान के साथ देखा।
top national news headlines live now-समाज के लिए एक संदेश
कमल कुमार राजोरिया की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उन सभी लोगों की है जो कभी न कभी झूठे आरोपों का शिकार होते हैं। यह कहानी बताती है कि हालात चाहे कितने भी मुश्किल क्यों न हों, उम्मीद और सकारात्मक सोच कभी साथ नहीं छोड़नी चाहिए। न्याय की प्रक्रिया भले ही लंबी हो, लेकिन सच की जीत जरूर होती है।
top national news headlines live now-एक नया अध्याय
आज जब कमल कुमार राजोरिया अपने पुराने विद्यालय में लौटे हैं, तो उनके चेहरे पर संतोष और आत्मविश्वास साफ झलकता है। वे अब फिर से बच्चों को पढ़ाने और समाज को बेहतर बनाने के मिशन में जुट गए हैं। उनकी ज़िंदगी का यह नया अध्याय उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो कभी मुश्किल हालात में उम्मीद खोने लगते हैं।