मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन में मंगलवार को प्रशासन ने एक बार फिर सख्त कार्रवाई करते हुए महाकाल मंदिर के सामने अवैध रूप से बन रहे दो मंजिला होटल को जमींदोज कर दिया। नगर निगम की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्रवाई की, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। यह होटल बिना किसी अनुमति के बनाया जा रहा था, जिस पर पहले भी नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किया गया था।
Ujjain Mahakal temple- बिना अनुमति के बन रहा था होटल, दो बार मिला नोटिस
महाकाल मंदिर क्षेत्र में निर्माण के लिए विशेष अनुमति जरूरी होती है, खासकर मंदिर से 500 मीटर के दायरे में किसी भी तरह का नया निर्माण प्रतिबंधित है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, होटल मालिक अशोक जोशी द्वारा मंदिर के गेट नंबर 4 के सामने यह बहुमंजिला होटल बिना नक्शा पास कराए और बिना अनुमति के बनाया जा रहा था। निगम ने होटल संचालक को दो बार नोटिस देकर निर्माण कार्य रोकने का निर्देश दिया था, लेकिन नोटिस के बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा।
Mohan Yadav- दो बुलडोजर और भारी पुलिस बल के साथ कार्रवाई
मंगलवार दोपहर नगर निगम की टीम दो जेसीबी मशीनों के साथ मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया शुरू की। कार्रवाई के दौरान मार्ग पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। बुलडोजर चलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई और कई लोग इस कार्रवाई को देखने के लिए रुक गए।

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प्रशासन की सख्ती
नगर निगम के बिल्डिंग ऑफिसर दीपक शर्मा ने बताया कि होटल का निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि महाकाल मंदिर क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण करने के लिए पहले अनुमति लेना अनिवार्य है। होटल मालिक को पहले सूचना पत्र भेजा गया था, लेकिन न तो निर्माण रोका गया और न ही नोटिस का कोई जवाब दिया गया। ऐसे में नगर निगम को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी।
होटल मालिक का पक्ष और विवाद
होटल के मालिक अशोक जोशी के बेटे तुषार जोशी ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें दो दिन पहले ही नोटिस मिला था और जवाब देने का मौका दिए बिना ही होटल पर बुलडोजर चला दिया गया। हालांकि नगर निगम का कहना है कि सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई और समय पर नोटिस दिया गया था। होटल मालिक की इस दलील के बावजूद प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए निर्माण को अवैध बताया।
धार्मिक क्षेत्र में अवैध निर्माण पर लगातार कार्रवाई
महाकाल मंदिर क्षेत्र में अवैध निर्माण और अतिक्रमण को लेकर प्रशासन लगातार सख्त रुख अपना रहा है। इससे पहले भी इसी क्षेत्र में कई व्यावसायिक भवनों और अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जा चुका है। प्रशासन का कहना है कि धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले इस क्षेत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए किसी भी तरह के अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।