सोमवार की रात भारतीय राजनीति के लिए अप्रत्याशित साबित हुई, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा गया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। राष्ट्रपति ने तुरंत यह इस्तीफा स्वीकार कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके योगदान के लिए सराहना की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। धनखड़ का कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ था, जिससे इस फैसले ने सबको चौंका दिया।
इस्तीफे के समय पर उठे सवाल
हालांकि धनखड़ ने इस्तीफे के लिए निजी और स्वास्थ्य कारण बताए, लेकिन उनके इस्तीफे की टाइमिंग और अचानक हुए इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। जैसे ही इस्तीफे की खबर आई, संसद के मानसून सत्र में भी इसकी गूंज सुनाई दी। विपक्ष ने पारदर्शिता की मांग की और कुछ नेताओं ने ऐसे समय इस्तीफे पर सवाल उठाए, जब धनखड़ सक्रिय थे और कई महत्वपूर्ण मुलाकातें कर रहे थे। इससे राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे हैं कि शायद कोई आंतरिक कारण भी इस फैसले के पीछे हो सकता है।
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संविधान के मुताबिक अगला कदम
भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद के रिक्त होने की स्थिति में 6 महीने के भीतर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव किया जाना अनिवार्य होता है। अब चुनाव आयोग चुनाव की तारीख का ऐलान करेगा और आगामी 2 महीनों में नए उपराष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुना जाता, तब तक राज्यसभा के उपसभापति सभापति का कार्यभार संभालेंगे।
नए उपराष्ट्रपति की दौड़ में चर्चित नाम
जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद देशभर में अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। कई वरिष्ठ नेताओं के नाम इस चर्चाओं में शामिल हैं। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम सबसे आगे चल रहा है, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लंबे राजनीतिक अनुभव के लिए जाना जाता है। वहीं, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी विकल्प के रूप में देखें जा रहे हैं। वे अपनी निष्पक्ष छवि के कारण एनडीए और विपक्ष दोनों के बीच लोकप्रिय हैं।
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विपक्ष के भी संभावित चेहरे चर्चा में
कांग्रेस पार्टी की ओर से भी कुछ दिग्गज नेताओं के नाम सामने आए हैं। वरिष्ठ नेता शशि थरूर का नाम इस दौड़ में प्रमुखता से लिया जा रहा है। उनकी छवि एक विद्वान और अनुभवी राजनेता की है। इसके अलावा विपक्ष की आगामी रणनीति पर भी सबकी नजरें हैं, क्योंकि यह चुनाव 2024 के आम चुनावों के बाद पहला बड़ा संवैधानिक चुनाव होगा।
भाजपा के संभावित उम्मीदवार भी चर्चा में
भाजपा की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नामों पर भी चर्चा है। इसके अतिरिक्त दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की संभावना को भी राजनीतिक विशेषज्ञ नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं। बीजेपी अपने रणनीतिक हिसाब से ऐसे चेहरे का चुनाव करना चाह सकती है, जो राजनीतिक और सामाजिक संतुलन बना सके।