What happens if you do not appear in court for a criminial case- कोर्ट के द्वारा जीस भी तारीख को पेशी नियत की जाती है अगर उस तारीख पर बिना किसी वाजिब कारण के आरोपी अनुपस्थित हो जाता है तो कोर्ट के पास यह अधिकार होता है कि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया जाए जिसमें ये होता है कि पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करके कोर्ट के समक्ष पेश करती है और जमानत उच्च न्यायालय से लेनी पड़ती है इसलिये हम आपको एक ऐसा उपाय बता रहे हैं जिससे कि आप पेशी पर से अनुपस्थित भी हो सकते हैं और आपके ऊपर कार्यवाही भी नहीं होगी|
What happens if you do not appear in court for a criminial case-कब हो सकते हैं पेशी पर से अनुपस्थित
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में इस बात का प्रावधान किया गया है कि अगर किसी आरोपी के समक्ष कोई आपातकालीन परिस्थिति उपस्थित हो जाती है जैसे कि वह बीमार है,वह किसान है तो उसे खेत में काम है बुवाई करनी है या फिर वह चिकित्सक है तो उसे ऑपरेशन्स करने है या कोई भी व्यक्ति उसके अनुसार उस प्रकार की आपातकालीन परिस्थिति अगर उत्पन्न हो जाती है तो ऐसी स्थिति में वह पेशी पर से अनुपस्थित रह सकता है और उसके ऊपर कार्रवाई भी नहीं होगी लेकिन यह आपातकालीन परिस्थिति के लिये ही है|

What happens if you do not appear in court for a criminial case-पेशी पर उपस्थित होने के फायदे
अगर आपके विरुद्ध कोई मुकदमा हो गया है और उसका विचारण माननीय न्यायालय में चल रहा है तो पेशी पर उपस्थित होने से आपका ही फायदा होगा आप वो अपने केस के बारे में जानने को मिलेगा आप अपने वकील से डिस्कस करेंगे और उनसे जान लेंगे कि आपके केस में क्या प्रोग्रेस हो रहा है और कैसे आप उस केस से मुक्त हो सकते हैं|

What happens if you do not appear in court for a criminial case-भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 355 क्या है
अगर आप पेशी पर किसी कारण से उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 355 का सहारा ले सकते हैं ऐसे में आप ने कोर्ट में जो अधिवक्ता हायर किया है उनके माध्यम से आप भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 355 के तहत कोर्ट में हाजिरी माफी का आवेदन दे सकते हैं और कोर्ट जाने से बच सकते हैं अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके खिलाफ़ अरेस्ट वारंट जिससे की गिरफ्तारी वारंट कहते हैं बस जारी हो जाएगा फिर आपको गिरफ्तार होने से सिर्फ हाइकोर्ट ही बचा सकता है जो कि आप के लिये मुश्किल होगा|

What happens if you do not appear in court for a criminial case-सही समय पर दें अधिवक्ता को सूचना
जिस दिन आप पेशी पर उपस्थित नहीं हो सकते उसके पहले या तुरंत सही समय पर अधिवक्ता को सूचना दें जिससे कि वह हाजिरी माफी का आवेदन माननीय न्यायालय के समक्ष लगा सके कहीं ऐसा ना हो कि आपने अधिवक्ता को बताने में देरी कर दी और फिर कुछ होने का विकल्प न रहें और आप के खिलाफ़ अरेस्ट वारंट भी जारी हो जाये कुछ अधिवक्ता स्वयं ये इतने संवेदनशील होते हैं कि अगर उनका क्लाइंट पेशी पर नहीं आ रहा है तो वह हाजिरी माफी का आवेदन लगा देंगे लेकिन ऐसे अधिवक्ता आपको भाग्य से मिलते हैं|

What happens if you do not appear in court for a criminial case-स्थायी हाजिरी माफी
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 228 में हाजिरी माफी का जो स्थायी प्रावधान है वह भी शामिल किया गया है इस धारा के तहत आरोपी को स्थायी तौर पर पेशी से छुट्टी मिल जाती है जैसे कि आरोपी अगर कोई अपनी मजबूरी बताते हैं जैसे की बिमारी वृद्धावस्था या कोर्ट से उनके घर की दूरी तथा दूसरे सुरक्षा के कारण जिसका हवाला दे सकते हैं तो ऐसी स्थिति में कोर्ट उनके कारण का उचित अध्ययन करके उन्हें पेशी से स्थाई हाजिरी माफी प्रदान कर सकती है|

What happens if you do not appear in court for a criminial case-स्थायी हाजिरी माफी में क्या पेशी पर नहीं आना पड़ता
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 228 के तहत जब आप को स्थायी हाजिरी माफी मिल जाती है तो ऐसी स्थिति में आपको पेशी पर कोर्ट आने से छूट मिल जाती है आपको सिर्फ चार्ज फ्रेम करने के दौरान और जजमेंट के समय ही कोर्टा आना पड़ता है बाकी समय आपको कोर्ट आने की आवश्यकता नहीं पड़ती है|
What happens if you do not appear in court for a criminial case-न्यायाधीश के अवकाश पर होने की स्थिति में
अगर किसी कारण से मजिस्ट्रेट या सत्र न्यायाधीश छुट्टी पर हैं या फिर किसी आपातकालीन परिस्थिति में कोर्ट में अचानक छुट्टी हो जाती है तो ऐसी स्थिति में आपका केस प्रॉपर ऑर्डर की स्थिति में आ जाता है इसका मतलब ये होता है कि जब मजिस्ट्रेट या सत्र न्यायाधीश छुट्टी से वापस आते हैं तो केस को किस कार्रवाई के लिये आगे बढ़ाना है यह आदेश मजिस्ट्रेट या सत्र न्यायाधीश छुट्टी से वापस होने के बाद स्वयं करते हैं इसलिये केस की इस स्थिति को समुचित आदेश यानी की प्रॉपर ऑर्डर की स्थिति में कहा जाता है|
What happens if you do not appear in court for a criminial case-क्या मुकदमा हो जाने पर घबराने की आवश्यकता है?
अगर आप निर्दोष हैं और आपको किसी ने झूठे तरीके से फंसा दिया है तब आपको मुकदमा हो जाने के बाद घबराने और डरने की आवश्यकता नहीं है आप एक बेहतरीन अधिवक्ता हायर करें और उनके माध्यम से अपनी बात को बड़े ही बारीकी से माननीय न्यायालय के समक्ष रखें अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको जमानत मिल जायेगी फिर काफी मजबूती से अपने केस को लड़ें फिर आप उस केस से दोषमुक्त हो जाएंगे अगर आपने अपराध किया है तो बिलकुल आपको घबराने और डरने की जरूरत है|