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Which marriage is best love or arrange in India-जानिए वेदों की भाषा में 8 विवाह का सही मतलब प्रेम या अरेंज में कौन बेहतर?

 Which marriage is best love or arrange in India-विवाह को लेकर अक्सर यह सवाल उठता है कि धार्मिक दृष्टि से प्रेम विवाह श्रेष्ठ है या अरेंज मैरिज। वेदों और शास्त्रों के अनुसार, दोनों ही प्रकार के विवाह—अरेंज (ब्रह्म विवाह) और प्रेम (गंधर्व विवाह)—धार्मिक रूप से मान्य हैं, बशर्ते वे नैतिकता, पारदर्शिता और धार्मिक विधि का पालन करते हों। ब्रह्म विवाह को समाज और परिवार की सहमति के कारण श्रेष्ठ माना गया है, जबकि गंधर्व विवाह में प्रेम और स्वतंत्रता को महत्व मिलता है। आधुनिक समाज में भी दोनों प्रकार के विवाहों को धीरे-धीरे धार्मिक और सामाजिक स्वीकृति मिल रही है।

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 Which marriage is best love or arrange in India-समाज में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन भी होता है। भारत में विवाह के दो प्रमुख रूप हैं—प्रेम विवाह और अरेंज मैरिज। समय के साथ दोनों प्रकार के विवाहों की लोकप्रियता, सामाजिक स्वीकार्यता और सफलता दर में बदलाव आया है। आज जब युवा अपने जीवनसाथी के चुनाव को लेकर अधिक स्वतंत्र और जागरूक हो रहे हैं, तब यह प्रश्न और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि कौन सा विवाह बेहतर है।

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 Which marriage is best love or arrange in India-आंकड़ों की नजर से: प्रेम विवाह और अरेंज मैरिज का प्रतिशत

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, भारत में लगभग 85% शादियां पारंपरिक अरेंज मैरिज होती हैं, जबकि 10-12% प्रेम विवाह के मामले सामने आते हैं। शहरी क्षेत्रों में प्रेम विवाह का प्रतिशत 20% तक पहुंचता है, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह बहुत कम रहता है। इससे स्पष्ट है कि प्रेम विवाह का चलन बढ़ रहा है, लेकिन अरेंज मैरिज आज भी समाज में मुख्यधारा में है।

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 Which marriage is best love or arrange in India-वेदों और शास्त्रों में प्रेम विवाह: गंधर्व विवाह का उल्लेख

सनातन धर्म के वेदों और शास्त्रों में विवाह के आठ प्रकार बताए गए हैं, जिनमें गंधर्व विवाह को आज के प्रेम विवाह के समकक्ष माना जाता है। गंधर्व विवाह में वर और वधू की आपसी सहमति और प्रेम सबसे महत्वपूर्ण होता है, इसमें परिवार की सहमति जरूरी नहीं मानी गई। मनुस्मृति में गंधर्व विवाह को मान्यता दी गई है, बशर्ते दोनों बालिग हों, आपसी सहमति हो और कोई छल या दबाव न हो। इससे स्पष्ट है कि वैदिक काल में प्रेम विवाह को सामाजिक मान्यता थी, हालांकि उसमें नैतिकता और जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती थी।

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 Which marriage is best love or arrange in India-सामाजिक स्वीकार्यता: परिवार और समाज की भूमिका

अरेंज मैरिज में परिवार की सहभागिता और सामाजिक स्वीकृति अधिक होती है। परिवार की पसंद और सामाजिक प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए विवाह तय होते हैं। प्रेम विवाह में अक्सर परिवार की सहमति बाद में मिलती है या कई बार विरोध का सामना करना पड़ता है। हाल के वर्षों में शहरीकरण और शिक्षा के प्रसार से प्रेम विवाह को भी धीरे-धीरे स्वीकार्यता मिल रही है। मेट्रो शहरों में माता-पिता अपने बच्चों के प्रेम विवाह को पहले से अधिक स्वीकार करने लगे हैं।

 Which marriage is best love or arrange in India-जानिए वेदों की भाषा में विवाह का सही मतलब—प्रेम या अरेंज में कौन बेहतर ?
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 Which marriage is best love or arrange in India-सफलता दर: टिकाऊपन और संतुष्टि के आंकड़े

अरेंज मैरिज में तलाक की दर लगभग 1% है, जबकि प्रेम विवाह में यह आंकड़ा 3-4% तक पहुंच जाता है। हालांकि, प्रेम विवाह में जीवनसाथी के बीच भावनात्मक समझ और दोस्ती का स्तर अधिक होता है, जिससे वैवाहिक संतुष्टि की संभावना बढ़ती है। अरेंज मैरिज में परिवार का सहयोग और सामाजिक दबाव रिश्ते को बनाए रखने में मदद करता है।

 Which marriage is best love or arrange in India-आर्थिक और सांस्कृतिक पहलू

अरेंज मैरिज में अक्सर सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समानता का ध्यान रखा जाता है। इससे विवाह के बाद सामंजस्य बैठाना आसान होता है। प्रेम विवाह में जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति की सीमाएं कम होती हैं, जिससे विविधता और व्यक्तिगत पसंद को महत्व मिलता है। अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह प्रेम विवाह में अधिक देखे जाते हैं, जबकि अरेंज मैरिज में यह कम होता है।

 Which marriage is best love or arrange in India-आधुनिकता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता: युवाओं की बदलती सोच

आज के युवा अपने करियर, जीवनशैली और प्राथमिकताओं को लेकर सजग हैं। वे जीवनसाथी के चयन में अपनी पसंद को महत्व देते हैं। प्रेम विवाह में यह स्वतंत्रता अधिक मिलती है, जबकि अरेंज मैरिज में परिवार की पसंद और सामाजिक मान्यताएं प्रमुख होती हैं। कई युवा अब “सेमी-अरेंज्ड मैरिज” की ओर भी बढ़ रहे हैं, जिसमें परिवार और स्वयं दोनों की सहमति होती है।

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 Which marriage is best love or arrange in India-मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण: विश्वास, समझ और सामंजस्य

प्रेम विवाह में आमतौर पर दोनों पक्ष एक-दूसरे को पहले से जानते हैं, जिससे विश्वास और समझ मजबूत होती है। इससे रिश्ते में पारदर्शिता और संवाद बना रहता है। अरेंज मैरिज में शुरुआत में अनजानापन रहता है, लेकिन परिवार का सहयोग और सामाजिक समर्थन रिश्ते को मजबूत करने में मदद करता है। दोनों ही प्रकार के विवाहों में संवाद, विश्वास और सामंजस्य सबसे जरूरी तत्व हैं।

 Which marriage is best love or arrange in India-वर्तमान परिस्थितियां: बदलती प्राथमिकताएं और चुनौतियां

महामारी के बाद विवाह की प्राथमिकताओं में बदलाव देखा गया है। लोग अब स्थिरता, सुरक्षा और भावनात्मक समर्थन को अधिक महत्व देने लगे हैं। अरेंज मैरिज में परिवार का साथ और सामाजिक सुरक्षा मिलती है, जबकि प्रेम विवाह में भावनात्मक जुड़ाव और स्वतंत्रता का अनुभव होता है। ऑनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से प्रेम विवाह के अवसर बढ़े हैं, लेकिन साथ ही रिश्तों में अस्थिरता भी देखी गई है।

 Which marriage is best love or arrange in India-आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा

अरेंज मैरिज में परिवार की आर्थिक स्थिति, सामाजिक प्रतिष्ठा और भविष्य की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। इससे विवाह के बाद जीवन में स्थिरता आती है। प्रेम विवाह में भावनात्मक जुड़ाव और व्यक्तिगत पसंद को महत्व दिया जाता है, लेकिन कई बार आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अरेंज मैरिज में दंपति को परिवार से आर्थिक सहयोग अधिक मिलता है।

 Which marriage is best love or arrange in India-समाज में बदलाव की दिशा

भारतीय समाज में विवाह की परंपरा लगातार बदल रही है। प्रेम विवाह को अब पहले की तुलना में अधिक स्वीकार्यता मिल रही है, खासकर शहरी और शिक्षित वर्ग में। अरेंज मैरिज की मजबूती भी बनी हुई है। आने वाले समय में दोनों प्रकार के विवाहों का मिश्रित रूप देखने को मिल सकता है, जिसमें परिवार और व्यक्ति दोनों की पसंद को महत्व मिलेगा।

 Which marriage is best love or arrange in India-निर्णय की राह: वेदों और वर्तमान समाज के आलोक में

वेदों और शास्त्रों में प्रेम विवाह (गंधर्व विवाह) को भी स्थान और शर्तों के साथ मान्यता दी गई है। आज के दौर में व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता, पारिवारिक स्थिति, सामाजिक परिवेश और भावनात्मक जरूरतों को ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए। दोनों ही प्रकार के विवाहों के अपने-अपने फायदे और चुनौतियां हैं, और सही निर्णय वही है, जिसमें व्यक्ति और परिवार दोनों संतुष्ट और सुरक्षित महसूस करें।

 Which marriage is best love or arrange in India-भारतीय संस्कृति में विवाह की धार्मिक महत्ता

भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का भी मिलन होता है। सनातन धर्म के शास्त्रों और वेदों में विवाह को एक महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है, जिसमें सामाजिक, धार्मिक और नैतिक मूल्यों का समावेश होता है। जब बात आती है प्रेम विवाह (Love Marriage) और अरेंज मैरिज (Arranged Marriage) की, तो धार्मिक दृष्टि से दोनों का विश्लेषण करना आवश्यक है।

 Which marriage is best love or arrange in India-वेदों और शास्त्रों में विवाह के प्रकार

हिंदू धर्मग्रंथों में विवाह के आठ प्रकार बताए गए हैं—ब्रह्म, दैव, आर्ष, प्राजापत्य, असुर, गंधर्व, राक्षस और पैशाच। इनमें ब्रह्म विवाह को सबसे श्रेष्ठ और धार्मिक दृष्टि से सबसे अधिक मान्यता प्राप्त है। ब्रह्म विवाह में परिवार की सहमति, वैदिक रीति और शुभ मुहूर्त में विवाह होता है, जिसे आज के अरेंज मैरिज के समकक्ष माना जा सकता है। यह विवाह समाज, परिवार और परंपरा की शुद्धता को प्राथमिकता देता है। इसमें माता-पिता, परिवार और समाज की सहमति, रीति-रिवाज और धार्मिक विधि का पालन होता है, जिससे यह विवाह न केवल सामाजिक बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी सर्वोत्तम समझा जाता है।

 Which marriage is best love or arrange in India-गंधर्व विवाह

वहीं दूसरी ओर, गंधर्व विवाह को शास्त्रों में आज के प्रेम विवाह के समकक्ष माना गया है। इसमें वर और वधू की आपसी सहमति और प्रेम सबसे महत्वपूर्ण होता है, और परिवार या समाज की अनुमति जरूरी नहीं होती। मनुस्मृति में गंधर्व विवाह को मान्यता दी गई है, बशर्ते दोनों बालिग हों, आपसी सहमति हो और कोई छल या दबाव न हो। पौराणिक कथाओं में कृष्ण-रुक्मिणी, दुष्यंत-शकुंतला जैसे विवाह गंधर्व विवाह के उदाहरण हैं।

गंधर्व विवाह में प्रेम, स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय को महत्व मिलता है। यह विवाह उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जो अपने जीवनसाथी के चयन में व्यक्तिगत भावनाओं और स्वतंत्रता को सर्वोपरि मानते हैं। हालांकि, समाज में इसे हमेशा उतनी स्वीकृति नहीं मिली जितनी ब्रह्म विवाह को मिली है। अक्सर इसे भावनात्मक या उतावले निर्णय के रूप में देखा गया है, लेकिन यदि प्रेम विवाह धार्मिक रीति से, बिना छल-कपट और सही उद्देश्य से किया जाए, तो वह भी धर्मसम्मत है।

 Which marriage is best love or arrange in India-विवाह का उद्देश्य

हिंदू धर्म में विवाह का उद्देश्य केवल सामाजिक अनुबंध नहीं, बल्कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति है। विवाह को आत्मा के विकास, प्रेम, विश्वास और जिम्मेदारी का साधन माना गया है। ब्रह्म विवाह में परिवार, समाज और परंपरा की शुद्धता को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं गंधर्व विवाह में प्रेम, स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय को महत्व मिलता है।

दोनों ही रूपों में नैतिकता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी आवश्यक मानी गई है। धार्मिक दृष्टि से दोनों प्रकार के विवाह—अरेंज मैरिज (ब्रह्म विवाह) और प्रेम विवाह (गंधर्व विवाह)—मान्य हैं, बशर्ते वे धार्मिक शर्तों और नैतिकता का पालन करें। ब्रह्म विवाह को श्रेष्ठ और आदर्श माना गया है, लेकिन गंधर्व विवाह भी वेदों और शास्त्रों में स्वीकार्य है, यदि उसमें प्रेम, पारदर्शिता, स्वतंत्रता और धार्मिक विधि का पालन हो।

 Which marriage is best love or arrange in India-आधुनिक समाज में विवाह की बदलती स्वीकृति

आज के युग में विवाह का स्वरूप बदल रहा है। प्रेम विवाह को भी धीरे-धीरे धार्मिक और सामाजिक स्वीकृति मिल रही है, खासकर जब वह धार्मिक विधि से, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ किया जाए। धार्मिक दृष्टि से विवाह का उद्देश्य केवल सामाजिक व्यवस्था नहीं, बल्कि आत्मिक विकास, प्रेम, विश्वास और जिम्मेदारी है। अतः, विवाह का कोई भी रूप—चाहे वह प्रेम विवाह हो या अरेंज मैरिज—यदि वह धर्म, नैतिकता और पारिवारिक मूल्यों के अनुरूप हो, तो वह धार्मिक रूप से उचित और स्वीकार्य है।

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

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