देशभर के वाहन चालकों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत की घोषणा की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स की गणना के नियमों में बदलाव करते हुए उन हिस्सों पर टोल दरों में 50 फीसदी तक की कटौती की है, जहां पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड जैसे स्ट्रक्चर बने हैं। यह फैसला 2 जुलाई 2025 से लागू किया गया है, जिससे लाखों यात्रियों को सीधा फायदा मिलेगा और सफर अब पहले से ज्यादा सस्ता हो जाएगा।
किन हाईवे हिस्सों पर मिलेगा फायदा
सरकार के नए नियम के अनुसार, वे सभी नेशनल हाईवे सेक्शन जहां 50% या उससे ज्यादा हिस्सा पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड के रूप में है, वहां टोल टैक्स में 50% तक की छूट मिलेगी। पहले इन स्ट्रक्चर्स पर सामान्य सड़कों की तुलना में 10 गुना तक टोल वसूला जाता था, जिससे यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता था। अब नए फॉर्मूले के तहत टोल दरें कम हो जाएंगी और यात्रा की लागत में सीधी बचत होगी।
नया फॉर्मूला: कैसे तय होगी टोल की दर
मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, टोल की गणना अब दो तरीकों से की जाएगी। पहला, संरचना (जैसे पुल, सुरंग, फ्लाईओवर) की लंबाई का दस गुना जोड़कर, और दूसरा, पूरे हाईवे सेक्शन की कुल लंबाई का पांच गुना। इन दोनों में से जो भी कम होगा, उसी को टोल शुल्क निर्धारण का आधार बनाया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी हाईवे सेक्शन की लंबाई 40 किमी है और वह पूरी तरह स्ट्रक्चर से बना है, तो पहले टोल की गणना 40 किमी का 10 गुना (400 किमी) के हिसाब से होती थी, लेकिन अब 5 गुना (200 किमी) के आधार पर होगी। यानी टोल टैक्स में लगभग 50% की सीधी छूट मिलेगी।
क्यों लिया गया यह फैसला
NHAI और मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, पहले टोल दरें स्ट्रक्चर्स की लागत निकालने के लिए अधिक रखी जाती थीं, लेकिन इससे आम यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया था। लगातार मिल रही शिकायतों और बढ़ती टोल दरों को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य आम आदमी और व्यवसायिक वाहनों की यात्रा लागत को कम करना और देश में सड़क परिवहन को और अधिक सुगम बनाना है।
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किसे मिलेगा सबसे ज्यादा लाभ
इस नई नीति का सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को मिलेगा, जो अक्सर लंबी दूरी के लिए नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं, खासकर वे लोग जो मेट्रो शहरों, औद्योगिक क्षेत्रों या पर्वतीय राज्यों में रहते हैं, जहां पुल, सुरंग या एलिवेटेड रोड का इस्तेमाल ज्यादा होता है। इसके अलावा, व्यवसायिक वाहन चालक, ट्रांसपोर्ट कंपनियां और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि उनके लिए यात्रा खर्च में सीधी बचत होगी।
कैसे मिलेगी नई दरों की जानकारी
सरकार ने टोल प्लाजा पर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड और फास्टैग सिस्टम के जरिए यात्रियों को नई दरों की जानकारी देने की व्यवस्था की है। NHAI सभी हाईवे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा कर रहा है और जहां भी यह नियम लागू होगा, वहां नए टोल रेट्स का डिस्प्ले किया जाएगा। इसके अलावा, मंत्रालय की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर भी नई दरों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।