Heavy rainfall and cyclone alert Bay of Odisha- ओडिशा प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, खासकर भारी बारिश, बाढ़, नदियों में उफान और चक्रवातों को लेकर। अक्टूबर माह आमतौर पर चक्रवातों का प्रकोप लाने वाला माना जाता है। इस बार भी बंगाल की खाड़ी में 22 से 29 अक्टूबर के बीच एक संभावित चक्रवात की संभावना जताई गई है,
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जो तट से टकरा सकता है। इसमें भारी बारिश, तेज़ हवाएं और समुद्री तूफान की आशंका बनी हुई है, जिसके लिए राज्य पूरी तरह से सतर्क है और तैयारी कर रहा है। इस संबंध में ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा है कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है और आवश्यक सभी साधनों को सक्रिय कर रखा गया है।
चक्रवात की प्रकृति और भविष्यवाणी
भारत मौसम विभाग (IMD) के भुवनेश्वर निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में एक नया न्यून दबाव क्षेत्र 24 अक्टूबर को बना था, जो धीरे-धीरे चक्रवात में परिवर्तित होने की संभावना है। यह 25 अक्टूबर को डिप्रेशन, 26 को डीप डिप्रेशन और 27 अक्टूबर को चक्रवातिक तूफान में तब्दील होने का अनुमान है। जब तक यह तट से टकराएगा, ओडिशा के कई तटीय और दक्षिणी जिले भारी बारिश और तेज़ हवाओं की चपेट में आएंगे। विशेष रूप से 27 से 29 अक्टूबर के बीच भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है, जिसके कारण तलाब, नाले, और नदियां उफान पर आ सकती हैं।
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प्रशासन की तैयारियां और सतर्कता
ओडिशा सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए कई उपाय पहले से लागू कर रखे हैं। राज्य सरकार ने 24 घंटे नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं जो लगातार मौसम और भूस्खलन सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी साझा करते रहते हैं। राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, जल संसाधन विभाग और विद्युत विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग पूरी तरह से तैयारी में हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और आपदा से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।



