भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या में पिछले दशक के दौरान बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। हालिया अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में जहां करीब 13.9 लाख कैंसर मरीज थे, वहीं 2025 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 15.7 लाख तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। कैंसर से जुड़ी यह वृद्धि देशहित के लिए गंभीर चुनौती बनती दिख रही है।
http://Iphone से तेज Samsung S24 Ultra पर जबरदस्त 45% तक डिस्काउंट, आज ही खरीदें
कैंसर से मौत का आंकड़ा हर साल नई ऊंचाई छूता
विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर की रिपोर्टों के अनुसार, भारत में कैंसर से हर साल करीब 9 लाख लोगों की मृत्यु हो रही है। विशेषज्ञों ने अनुमान व्यक्त किया है कि साल 2050 तक देश में कैंसर से मरने वालों की संख्या 18 मिलियन (एक करोड़ 80 लाख) तक पहुंच सकती है। यह आंकड़ा चीन और अमेरिका से कहीं अधिक है, जहां नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार इन देशों ने कैंसर पर बेहतर नियंत्रण पा लिया है।
http://लोगों के रिटायरमेंट का इन्तेजाम कर रही है मोदी सरकार, पेंशन 5000 तक मिलेगा
कैंसर के पीछे तंबाकू उत्पादों का ज़िम्मेदार होना
कई मेडिकल स्टडीज के अनुसार भारत में कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू उत्पादों का उपयोग बताया गया है। पुरुषों में चिंताजनक रूप से मुंह, फेफड़े और ग्रासनली का कैंसर सबसे ज़्यादा पाया जा रहा है, जिसका प्रमुख कारण सिगरेट, बीड़ी, सुपारी, और तंबाकू का सेवन है। तंबाकू से जुड़े कैंसर के मामलों के अलावा शराब सेवन, मोटापा, खराब लाइफस्टाइल और वायु प्रदूषण भी इस रोग को बढ़ाने वाले प्रमुख कारक हैं।