देश में एक बार फिर संविधान की प्रस्तावना को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के उस बयान के बाद, जिसमें उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में शामिल ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा की बात कही, कांग्रेस ने आरएसएस और भाजपा पर तीखा हमला बोला है।
Latest national news live updates India today- आरएसएस का तर्क: आपातकाल में जुड़े थे शब्द
आरएसएस के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द संविधान की मूल प्रस्तावना का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने कहा कि 1976 में इंदिरा गांधी सरकार के 42वें संविधान संशोधन के दौरान ये शब्द जोड़े गए थे। होसबोले का कहना था कि अब समय आ गया है कि इन शब्दों की प्रासंगिकता पर विचार किया जाए और समीक्षा की जाए कि क्या ये शब्द प्रस्तावना में बने रहें या नहीं।

Latest national news live updates India today- कांग्रेस का पलटवार: संविधान विरोधी सोच
आरएसएस के इस बयान के बाद कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आरएसएस ने कभी भी भारतीय संविधान को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा बार-बार संविधान के मूल स्वरूप को बदलने की कोशिश करते रहे हैं। कांग्रेस ने यह भी कहा कि आरएसएस का असली एजेंडा संविधान को कमजोर करना और मनुस्मृति की ओर लौटना है।
Latest national news live updates India today- राहुल गांधी का बयान: संविधान की रक्षा का संकल्प
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आरएसएस का नकाब फिर से उतर गया है। उन्होंने कहा कि संविधान आरएसएस और भाजपा को इसलिए चुभता है क्योंकि वह समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। राहुल गांधी ने कहा कि देश का हर नागरिक संविधान की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष करेगा।

Latest national news live updates India today- उपराष्ट्रपति का बयान: प्रस्तावना परिवर्तनशील नहीं
इस पूरे विवाद के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना परिवर्तनशील नहीं है और दुनिया के किसी भी देश में प्रस्तावना में बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत में 1976 में 42वें संशोधन के तहत प्रस्तावना में बदलाव किया गया था, जिसमें ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए थे।
Latest national news live updates India today- विपक्षी दलों की एकजुटता
आरएसएस के बयान के बाद न केवल कांग्रेस, बल्कि कई अन्य विपक्षी दलों ने भी इसका विरोध किया है। विपक्ष का कहना है कि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ जैसे शब्द भारतीय लोकतंत्र की आत्मा हैं और इन्हें हटाने की कोई भी कोशिश देश की मूल भावना पर हमला है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि संविधान के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
Latest national news live updates India today- आरएसएस का पक्ष: बहस की जरूरत
आरएसएस का कहना है कि उनका उद्देश्य संविधान को कमजोर करना नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से बहस को आगे बढ़ाना है। संघ के नेताओं के अनुसार, समाज में समय-समय पर संविधान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होनी चाहिए और अगर जरूरत हो तो समीक्षा भी की जा सकती है। हालांकि, विपक्ष इसे संविधान विरोधी एजेंडा करार दे रहा है।
Latest national news live updates India today- संविधान संशोधन का इतिहास
1976 में आपातकाल के दौरान 42वें संविधान संशोधन के जरिए ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को प्रस्तावना में जोड़ा गया था। इससे पहले संविधान की प्रस्तावना में ये शब्द नहीं थे। इस संशोधन को लेकर तब भी राजनीतिक बहस हुई थी, जो आज तक जारी है।

Latest national news live updates India today- सुप्रीम कोर्ट का दृष्टिकोण
सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने विभिन्न फैसलों में संविधान की प्रस्तावना को देश के मूल ढांचे का हिस्सा बताया है। कोर्ट का कहना है कि प्रस्तावना में शामिल शब्द भारतीय लोकतंत्र, समानता और धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद हैं। ऐसे में इन शब्दों को हटाने या बदलने की मांग पर न्यायिक दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण रहेगा।