प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहारा इंडिया के संस्थापक दिवंगत सुब्रत रॉय के परिवार के सदस्यों और कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप पत्र दाखिल किया है। यह मामला 1.74 लाख करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है, जिसमें करोड़ों निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं।
आरोप पत्र में शामिल प्रमुख नाम
कोलकाता की पीएमएलए अदालत में दाखिल आरोप पत्र में सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय, बेटे सुशांतो रॉय, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी जैसे जेपी वर्मा व अनिल अब्राहम का नाम शामिल है। ईडी की जांच के दौरान सामने आया कि सुशांतो रॉय जांच में नहीं आए हैं और वह फरार हैं, जिसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की तैयारी है।
सहारा ग्रुप के कथित धोखाधड़ी के तरीके
ईडी के अनुसार, सहारा ग्रुप ने करोड़ों निवेशकों को आकर्षक ब्याज और उच्च रिटर्न का वादा किया था, लेकिन कंपनी ने इन पैसों को वापस नहीं किया। समूह ने पोंजी स्कीम के रूप में बड़ी संख्या में लोगों से पैसे जमा किए। यह घोटाला भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा मनी लॉन्ड्रिंग केस माना जा रहा है, जिससे लाखों निवेशक प्रभावित हुए हैं।
ईडी की छापेमारी और संपत्ति जब्ती
जांच के दौरान जुलाई और अगस्त 2025 में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मुंबई समेत कई जगहों पर सहारा ग्रुप के परिसरों पर छापेमारी की गई। ईडी ने लगभग 707 एकड़ जमीन जब्त की है, जो कथित तौर पर अपराध से हुई कमाई है। इसके अलावा 500 से अधिक एफआईआर भी सहारा ग्रुप की विभिन्न इकाइयों के खिलाफ दर्ज की गई हैं।