जबलपुर-मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर मुख्यपीठ के द्वारा सागर के आरटीओ सुनील कुमार शुक्ला के द्वारा गैरकानूनी तरीके से अस्थायी परमिट जारी करने के कारण उनके विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं जीएस अहलुवालिया की एकलपीठ ने ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रमुख सचिव को 31 मई तक कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश दिए हैं|
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भ्रष्ट rto की हाईकोर्ट में खुली पोल
हाई कोर्ट के द्वारा सुनील कुमार शुक्ला पर ₹25,000 का जुर्माना भी ठोंका गया है यह राशि एक माह के भीतर हाई कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराने के निर्देश भी दिए गए हैं हाईकोर्ट टिकमगढ़ की मानसरोवर बस सर्विस के प्रोपाइटर नरेंद्र जायसवाल की ओर से अधिवक्ता बृजेश कुमार दुबे के द्वारा पक्ष रखा गया उन्होंने यह दलील दी कि आरटीओ कार्यालय के उक्त अधिकारी के द्वारा सागर निवासी फरहा नाज की बस को सागर टीकमगढ़ रूट पर संचालन करने का आदेश दिया गया तथा नियम विरुद्ध तरीके से अस्थायी परमिट जारी किया गया है याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में कुछ दस्तावेज भी पेश किए गए जिनसे यह स्पष्ट है कि बिना कोई वैधानिक आदेश पारित किए बस संचालन का अस्थायी परमिट जारी कर दिया गया कोर्ट के द्वारा यह परमिट निरस्त कर दी गई|
हाईकोर्ट ने दिये कार्यवाही के आदेश
हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया कहा कि सुनील शुक्ला के द्वारा गलत इरादे से यह परमिट जारी की गई है कोर्ट ने कहा कि यह वाकई दुर्भावनापूर्ण है कि सचिव रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी सागर ने अस्थायी परमिट को वापस लेने और अपने कार्यालय में चल रही अवैध गतिविधियों की जांच करने के स्थान पर उसे कायम रखने की कोशिश की याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों से यह पता चला है कि सुनील कुमार शुक्ला स्वयं कुछ ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं|