राजस्थान के बीकानेर में 2000 करोड़ रुपए की साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है, जिसने देशभर के साइबर सुरक्षा तंत्र को हिलाकर रख दिया है। पुलिस और जांच एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में इस नेटवर्क के कई अहम सुराग मिले हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस ठगी के तार देश के कई राज्यों से जुड़े हैं और बीकानेर इस पूरे नेटवर्क का अहम केंद्र बनकर उभरा है।
Biggest cyber fraud case in Bikaner 2025-करणी ट्रेडिंग कंपनी के जरिए काले धन को सफेद करने का खेल
जांच में पता चला है कि बीकानेर के खारड़ा गांव निवासी कृष्ण शर्मा ने ‘करणी ट्रेडिंग कंपनी’ के नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई थी। इस कंपनी के 14 अलग-अलग बैंक खातों में करीब 99 करोड़ रुपये जमा होने की पुष्टि हुई है। पुलिस के अनुसार, कर्नाटक के फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म Capmore FX के जरिए देशभर के हजारों लोगों से ठगे गए पैसे इन खातों में ट्रांसफर किए गए। इन खातों को लूणकरनसर के आढ़ती घनश्याम सारस्वत कमीशन पर ऑपरेट कर रहा था, जो फिलहाल फरार है।

Biggest cyber fraud case in Bikaner 2025-WhatsApp, सोशल मीडिया और फर्जी वेबसाइटों का इस्तेमाल
ठगों ने लोगों को झांसा देने के लिए WhatsApp कॉल, सोशल मीडिया और फर्जी वेबसाइटों का जमकर इस्तेमाल किया। वे खुद को बैंक अधिकारी या पुलिसकर्मी बताकर लोगों को जल्दी कमाई और हाई रिटर्न का लालच देते थे। कई मामलों में पीड़ितों को फर्जी निवेश, क्रिप्टोकरेंसी स्कीम और लकी ड्रा के नाम पर ठगा गया। पुलिस ने जांच में पाया कि कृष्ण शर्मा के बैंक खाते में 99 करोड़ से अधिक की संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुई है, जो देशभर की साइबर ठगी से जुड़ी है।
Biggest cyber fraud case in Bikaner 2025-श्रीगंगानगर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, मास्टरमाइंड गिरफ्तार
श्रीगंगानगर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बीकानेर के खारड़ा गांव में छापा मारकर मास्टरमाइंड कृष्ण शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि इस नेटवर्क के तार कर्नाटक, महाराष्ट्र, यूपी, तमिलनाडु, गुजरात और पश्चिम बंगाल तक फैले हैं। पुलिस ने ‘Cyber Shield’ अभियान के तहत 75 से अधिक बैंक खातों की पहचान की है, जिनमें 51 करोड़ से ज्यादा की फर्जी ट्रांजैक्शन हुई है। इन खातों से जुड़े 20 से अधिक राज्यों से शिकायतें मिली हैं।
Biggest cyber fraud case in Bikaner 2025-बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में
जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ निजी बैंकों के कर्मचारियों ने बिना उचित सत्यापन के फर्जी खातों के लिए एटीएम और पासबुक किट जारी कीं। पुलिस ने इन कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है। कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया था।
Biggest cyber fraud case in Bikaner 2025-अंतरराष्ट्रीय गिरोह से भी जुड़े तार
इस नेटवर्क की जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि बीकानेर, जयपुर और दौसा से जुड़े कुछ आरोपी अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग से भी जुड़े हो सकते हैं। कई गिरफ्तार आरोपियों ने ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजा। पुलिस ने ऐसे 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से चार ने ठगी की रकम को डिजिटल करेंसी में बदलने का काम किया था।

Biggest cyber fraud case in Bikaner 2025-डिजिटल गिरफ्तारी और धमकी देकर वसूली
कुछ मामलों में ठगों ने खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर वीडियो कॉल के जरिए लोगों को डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी दी और उनसे लाखों रुपए वसूल लिए। मुंबई में एक मामले में बीकानेर निवासी युवक को गिरफ्तार किया गया, जिसने पीड़ित से 7 लाख से अधिक की ठगी की थी। पुलिस ने सीसीटीवी और तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपी को पकड़ा और उसके कई सहयोगियों की तलाश जारी है।
Biggest cyber fraud case in Bikaner 2025-राजस्थान साइबर फ्रॉड का नया हब
इस पूरे मामले ने राजस्थान, खासकर बीकानेर को साइबर ठगों का नया हब बना दिया है। पुलिस और साइबर सेल की सतर्कता के बावजूद, ठगों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर करोड़ों की रकम देशभर के लोगों से ठग ली। पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल, वेबसाइट या निवेश योजना से दूर रहने की अपील की है।