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Bihar election results 2025- बिहार चुनाव में विकास की राजनीति की जीत या पुरानी सोच की हार? जानिए पूरी रिपोर्ट.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम ने राजनीति के समीकरण बदल दिए हैं। 243 सीटों वाली विधानसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शानदार बहुमत हासिल कर सबको चौंका दिया। इस चुनाव में राजनीतिक पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन जनता का फैसला साफ़ था। इस ब्लॉग में बिहार चुनाव 2025 के नतीजों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है, यह बताया गया है कि कौन उभरा, कौन पिछड़ा, और किन उम्मीदों का हुआ क्या हाल।

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एनडीए गठबंधन की डबल सेंचुरी

एनडीए ने पूरी विधानसभा में 202 सीटें जीतकर भारी बहुमत बनाया। भाजपा को 89 सीटें मिलीं जो सबसे अधिक हैं। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने 85 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) ने 5 सीटें जीती हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि बिहार में विकास की राजनीति ने जातीय राजनीति को पीछे छोड़ दिया है। एनडीए को कुल 46.52% वोट प्राप्त हुए, जो अन्य दलों से कहीं ज्यादा था।

महागठबंधन का कमजोर प्रदर्शन

महागठबंधन को कड़ी हार का सामना करना पड़ा। इस गठबंधन ने महज 35 सीटें ही हासिल कीं, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 25 सीटें मिली। कांग्रेस पार्टी को मात्र 6 सीटों पर सिमटना पड़ा। यह गठबंधन वोट प्रतिशत के मामले में भी पिछड़ा रहा। इसके तहत वामपंथी दलों, वीआईपी, इंडियन इंक्लूसिव पार्टी समेत अन्य की स्थिति भी कमजोर रही।

  • राजद की सीटों में भारी कमी
  • कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन
  • वामपंथ और अन्य दलों की मात्र सीमित उपस्थिति

चुनाव परिणाम पर व्यक्तित्व और दलों का असर

इस चुनाव में कई बड़े नेताओं का प्रदर्शन भी चुनावी नतीजों को प्रभावित करने वाला रहा। भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को छपरा विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दसवीं बार सत्ता संभालने का रिकॉर्ड बनाया है, जो इस चुनाव में प्रमुख चर्चा का विषय था। प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए की जीत को विकास की विजय बताया, जबकि विपक्ष के लिए “झूठ की राजनीति” की आलोचना की गई।

  • खेसारी लाल यादव की हार
  • नीतीश कुमार का दसवीं बार मुख्यमंत्री बनना
  • प्रधानमंत्री का विकास की जीत का संदेश

वोट प्रतिशत और चुनावी गणना की दिशा

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, वोट प्रतिशत में एनडीए के पक्ष में भारी अंतर था। भाजपा को 20.08%, जेडीयू को 19.26%, और एलजेपी को 4.97% वोट मिले। दूसरी ओर, राजद को 23%, कांग्रेस 8.71% और वाम दलों को 4.18% वोट प्रतिशत मिला। इस डेटा से यह पता चलता है कि एनडीए को वोटों की अच्छी विविधता मिली और चुनावी माहौल में पक्ष मजबूत रहा।

  • एनडीए के मजबूत वोट प्रतिशत
  • महागठबंधन के घटते वोट share
  • विकास पक्ष के लिए मतदान प्रवृत्ति

चुनाव से सीख और भविष्य की राह

इस चुनाव ने स्पष्ट किया कि बिहार की जनता ने विकास और बदलाव को प्राथमिकता दी है। जातिवाद कम हुआ है और युवाओं, महिलाओं, किसानों की सोच ने चुनाव परिणाम को प्रभावित किया है। भविष्य में राजनीतिक दलों के लिए यह जरूरी होगा कि वे इस बदलते परिवेश को समझें और नीतियों को सुधारें ताकि जनता की उम्मीदों पर खरा उतर सकें।

  • विकास को मिला प्रबल समर्थन
  • जातिवाद का अवसाद
  • राजनीतिक दलों के लिए नई सीख

Tiwari Shivam

शिवम तिवारी को ब्लॉगिंग का चार वर्ष का अनुभव है कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में उन्होंने एक व्यापक समझ विकसित की है वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व दुनिया के नामी स्टार्टप्स के लिये भी काम करते हैं वह गैजेट्स ,ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, स्पेस रिसर्च ,इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ,कॉर्पोरेट सेक्टर तथा अन्य विषयों के लेखन में व्यापक योग्यता और अनुभव रखते हैं|

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