देश में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय रेलवे ने दिल्ली से हावड़ा (कोलकाता) तक बुलेट ट्रेन चलाने की योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बुलेट ट्रेन के संचालन से दिल्ली से हावड़ा की 1,669 किलोमीटर की दूरी केवल 6.5 घंटे में पूरी की जा सकेगी, जो वर्तमान में 17-18 घंटे लगते हैं। यह प्रोजेक्ट पूर्वी भारत के लाखों यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदल देगा।
पटना से दिल्ली और हावड़ा: सफर होगा बेहद आसान
बुलेट ट्रेन परियोजना का सबसे बड़ा फायदा बिहार के यात्रियों को मिलेगा। फिलहाल पटना से दिल्ली की यात्रा में 13-14 घंटे लगते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन के शुरू होते ही यह सफर महज 4 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। वहीं, पटना से हावड़ा (कोलकाता) की 578 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 2 घंटे में तय हो जाएगी, जो वर्तमान में करीब 6 घंटे लगते हैं। इससे न सिर्फ व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजाना यात्रा करने वाले छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए भी यह सुविधा वरदान साबित होगी।
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स्टॉपेज और रूट: किन शहरों को मिलेगा फायदा
इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का रूट दिल्ली से शुरू होकर लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, बक्सर, पटना, किऊल, आसनसोल होते हुए हावड़ा तक जाएगा। बिहार में पटना एकमात्र प्रमुख स्टॉपेज होगा, जबकि पश्चिम बंगाल में आसनसोल और अंतिम स्टेशन हावड़ा रहेगा। सभी स्टेशनों पर अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
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अत्याधुनिक तकनीक और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर
बुलेट ट्रेन की रफ्तार 320 से 350 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी। इसके लिए डिजिटल सिग्नलिंग सिस्टम, भूकंप अलर्ट सिस्टम और स्मार्ट ट्रैकिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रैक का निर्माण मिश्रित रूप में होगा—कहीं एलिवेटेड, कहीं अंडरग्राउंड और कहीं ग्राउंड लेवल। बिहार में लागत कम करने के लिए मौजूदा रेलवे लाइन के साथ दो अतिरिक्त ट्रैक बिछाए जाएंगे, जिससे हाई-स्पीड रेल के लिए अलग कॉरिडोर तैयार हो सकेगा।