मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है और मॉनसून की बारिश किसानों के लिए वरदान मानी जाती है। धान, सोयाबीन, मक्का जैसी फसलों के लिए इस समय पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। हालांकि, अत्यधिक बारिश से फसलों को नुकसान भी हो सकता है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में जलभराव न होने दें और फसलों की निगरानी करते रहें।
MP monsoon- ट्रैफिक और परिवहन पर असर
लगातार बारिश के चलते कई जगहों पर सड़कें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीण इलाकों में कच्ची सड़कों पर आवागमन मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। रेलवे और बस सेवाओं पर भी बारिश का असर पड़ा है, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है।
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मौसम विभाग की सलाह और प्रशासन की तैयारियां
मौसम विभाग ने साफ किया है कि अगले चार दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश जारी रह सकती है। प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकारी एजेंसियों की ओर से जारी सूचना पर ही भरोसा करें।
बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव
भारी बारिश के कारण कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। जलभराव से पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने जलजनित बीमारियों के खतरे को देखते हुए अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की है।
अगले चार दिन सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
मध्यप्रदेश में मॉनसून की सक्रियता अगले चार दिनों तक बनी रहेगी। मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। बाढ़, बिजली गिरने और जलभराव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।