प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे राष्ट्र के नाम संदेश देने वाले हैं। जैसे ही इस संबोधन की आधिकारिक घोषणा हुई, पूरे देश में राजनीतिक हलकों से लेकर आम जनता तक में उत्सुकता बढ़ गई। प्रधानमंत्री के इस संबोधन में ‘आर्थिक रियायतें’, ‘GST छूट’ और ‘स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा’ जैसे विषयों पर बड़ी घोषणाएं होने की संभावना जताई जा रही है।
क्यों अहम है यह संबोधन
देश अभी भी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। महंगाई और रोजगार संकट के बीच लोग सरकार से राहत पैकेज और ठोस निर्णयों की उम्मीद कर रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री का आज का भाषण केवल एक सामान्य संदेश नहीं बल्कि व्यापक आर्थिक नीतियों की दिशा तय कर सकता है। उद्योग जगत के नेताओं से लेकर छोटे कारोबारियों तक की नजरें अब मोदी के संबोधन पर टिकी हैं।
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GST में रियायत की अटकलें
पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा चल रही है कि सरकार छोटे व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कुछ सामानों पर जीएसटी दरों में कमी कर सकती है। यदि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर कोई घोषणा करते हैं तो यह दिवाली सीजन की खरीदारी पर भी असर डाल सकती है। खासतौर से मीडियम और स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज इससे बड़ी राहत की उम्मीद लगाए बैठी हैं।
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स्वदेशी पर हो सकता है ज़ोर
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में स्वदेशी उत्पादों को लेकर विशेष अपील कर सकते हैं। ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को और मजबूती देने के लिए सरकार नए कदम उठा सकती है। संभव है कि आयातित माल पर निर्भरता घटाने और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने को लेकर नए नारे और योजनाएं सामने आएं।
कारोबारी जगत की निगाहें
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री का आज का संबोधन शेयर बाजार और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर भी सीधा असर डाल सकता है। यदि कर ढांचे में बदलाव और स्वदेशी को बढ़ावा देने वाले कदम घोषित होते हैं तो घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही व्यापारियों का खर्च घट सकता है, जिससे बाजार की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है।
रोजगार और युवाओं से जुड़ी घोषणाएं
देश के करोड़ों युवाओं की अपेक्षा है कि प्रधानमंत्री रोजगार से संबंधित कुछ ठोस कदमों की घोषणा करेंगे। स्टार्टअप्स और नई टेक्नोलॉजी आधारित कारोबारियों को जीएसटी या अन्य करों में राहत मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि युवाओं को स्वदेशी उद्योगों से जोड़ने का माहौल भी बनेगा।
आम परिवार की उम्मीदें
आम आदमी भी इस संबोधन को लेकर खासा उत्साहित है। सुबह से ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड चल रहे हैं जिनमें लोग ‘महंगाई पर राहत’ और ‘घरेलू खर्च कम करने’ की उम्मीद जता रहे हैं। यदि GST छूट से रोजमर्रा की चीजों के दाम घटते हैं तो इसका सीधा फायदा मध्यम वर्गीय परिवारों और छोटे कस्बों में रहने वालों को मिलेगा।
विपक्ष की बारीक निगाह
प्रधानमंत्री के भाषण से पहले ही विपक्षी दलों ने बयान देना शुरू कर दिया है। कई नेताओं ने कहा कि सरकार केवल भाषणों और वादों से काम चला रही है। विपक्ष का दावा है कि असल राहत तभी मिलेगी जब रोजगार और महंगाई पर ठोस फैसले लिए जाएंगे। आज के संबोधन के बाद राजनीतिक बहस और तेज होना तय है।
सोशल मीडिया पर उत्साह
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को लेकर ट्विटर और फेसबुक पर सुबह से ही हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। #PMModiSpeech और #GSTrelief जैसे शब्द दिनभर चर्चा में बने हुए हैं। लोग अलग-अलग तरह की उम्मीदें जता रहे हैं और अपनी राय साझा कर रहे हैं कि आखिर शाम 5 बजे प्रधानमंत्री क्या बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
जनभावनाओं पर नजर
प्रधानमंत्री का यह संबोधन केवल आर्थिक मोर्चे से ही नहीं बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। आगामी चुनावों के मद्देनज़र यह संदेश जनता की भावनाओं को संबोधित करने का भी प्रयास माना जा रहा है। एक ओर जहां जनता राहत की उम्मीद कर रही है, वहीं सरकार इस संबोधन के जरिए अपनी उपलब्धियों और आगे की रणनीति पर भी रोशनी डाल सकती है।